जावास्क्रिप्ट का इतिहास : शुरुआत से ECMAScript तक
JavaScript को सबसे पहले 1995 में Netscape Navigator के Developers ने अपने Web Browser में Client Side Validation के लिए Develop किया था। Netscape तो Market से पूरी तरह से जा चुका है, लेकिन उसकी Develop की गई JavaScript Language अभी भी Market में है और आगे भी लम्बे समय तक रहने वाली है क्योंकि अब ये Language न केवल Client Side Validation के लिए उपयोगी है, बल्कि कई जगहों पर इसे Server Side Scripting Language के रूप में भी Use किया जाता है।
1992 के आसपास Nombas नाम की एक Company ने जिसे बाद में Openware नाम की Company ने खरीद दिया, एक Scripting Language Develop करना शुरू किया, जिसका नाम C-Minus-Minus रखा गया था। CMM इसलिए, क्योंकि ये लगभग पूरी तरह से C व C++ Language पर आधारित थी, लेकिन आसानी से Web Browsers में Client Side Requirements को पूरा कर सकती थी और Developers इसे आसानी से सीख सकते थे।
कुछ समय बाद Nombas ने इस Language का नाम CMM से बदलकर ScriptEase रख दिया। जब Netscape Navigator Market में Popular होने लगा, तो Nombas ने इसी Language का एक नया Version Develop किया जो कि Web Page में Embed हो सकता था। शुरूआत में इस Embedding Process को Espresso Pages कहा जाता था और यही World Wide Web का पहला Client Side Scripting Language बना।
JavaScript और ECMAScript का विकास
Internet पर लोगों का रूझान बढने की वजह से Web Page की Size भी बढने लगी जिससे Network का Traffic भी बढने लगा क्योंकि ज्यादातर Validation व Interactivity के कामों को पूरा करने के लिए बार-बार Web Browser को Web Server से Request करनी पडती थी। इसलिए Netscape ने महसूस किया कि Web Server का Interaction कम करने के लिए एक ऐसी Scripting Language की जरूरत है जो Web Browser में ही ज्यादातर Validation के कामों को पूरा कर दे।
इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए Brendan Eich जो कि Netscape Navigator को Develop कर रहे थे, ने LiveScript नाम की एक Client Side Scripting Language को अपने Web Browser में Include किया।
उसी समय Sun Microsystems अपनी Programming Language “Java” को Develop कर रहा था और लोगों में Java बहुत Popular हो रही थी, इसलिए Netscape Navigator ने Official Release के बाद LiveScript का नाम बदल कर JavaScript कर दिया, ताकि लोग ये समझकर इस Language पर भी ध्यान दें कि JavaScript, Java से संबंधित ही कोई Language है ताकि JavaScript भी Java की लोकप्रियता का फायदा उठा सके ओर JavaScript भी Popular हो जाए और हुआ भी ऐसा ही।
JavaScript की सफलता और अन्य भाषाएं
Netscape व उसके JavaScript की सफलता के साथ ही Microsoft ने भी Web Browser Technology में कदम रखा और अपनी स्वयं की JavaScript जैसी Scripting Language बनाई जिसका नाम JScript रखा गया।
इस समय तक वास्तव में JavaScript, JScript व ScriptEase तीन Client Side Scripting Languages हो गई थीं, जो कि किसी भी तरह से एक Unique Standard को Follow नहीं कर रही थीं।
चूंकि इन Client Side Scripting Language की Popularity बहुत कम समय में बहुत ज्यादा हो गई थी, इसलिए इस Language को भी Standardized करने की जरूरत महसूस की गई, ताकि Scripting Language Develop करने वाली सभी Companies उन Standards के आधार पर ही अपनी Scripting Language को Develop करें व Web Developers को अलग-अलग Web Browsers के लिए अलग-अलग तरह की Scripting Languages न सीखनी पडे।
इसलिए 1997 में को European Computer Manufactures Association (ECMA) को JavaScript 1.1 को Standardized करने का एक Proposal भेजा गया और इस Association ने Netscape, Sun, Microsoft, Borland व अन्य Companies, जो कि Client Side Scripting Language Develop करने में Interested थीं, के सदस्यों की एक Technical Committee गठित की ताकि JavaScript को Cross Platform, Vendor Neutral Scripting Language बनाने के लिए उसके Syntax व Semantics को Standardize किया जा सके।
फल स्वरूप इस Committee ने अन्तिम रूप से ECMAScript-262 नाम का एक Standard तैयार किया और JavaScript का नाम बदलकर ECMAScript हो गया। यानी आज की जो JavaScript है वह वास्तव में JavaScript नहीं बल्कि ECMAScript है।
ECMAScript और भविष्य की भूमिका
आगे आने वाले कुछ सालों में International Organization for Standardization and International Electotechnical Commission (ISO/IEC) ने भी ECMAScript को एक Standard की तरह Accept कर लिया और फिर बनने वाले सभी Web Browsers में JavaScript के Implementation के लिए ECMAScript को आधार के रूप में उपयोग में लिया जाने लगा।